सगी बहन की मस्त चुदाई । Sex With Sister । Hindi Sex Story । चुदाई की कहानियाँ
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यह बहन की चुदाई की कहानी तब की है जब मैंने उसे एग्जाम के लिए दूसरे शहर ले गया। वहां मैंने अपनी बहन का जो रूप देखा, मैं हैरान रह गया. क्या देखा था मैंने ?
दोस्तो, मेरा नाम सन्नी है और मैं कानपुर का रहने वाला हूँ। मेरी बहन का नाम पिंकी है। वो दिखने में गोरी है. उसकी हाईट ज्यादा तो नहीं है पर उसके मम्मे बड़े बड़े हैं। उसके मम्मों को देख कर मैं खुद रोज उसके नाम की मुठ मारता हूँ।
पिंकी के एग्जाम चल रहे थे तो उसे परीक्षा दिलवाने लेकर मुझे जाना था. कुल 15 दिनों के एग्जाम थे और परीक्षा केंद्र घर से दूर होने के कारण हम लोगों ने वहीं एक रूम किराये पर ले लिया था।
रूम में पलंग आदि नहीं था, नीचे ही सोने की व्यवस्था थी. रूम के बगल वाले रूम में भी 2 लोग एग्जाम देने आए हुए थे. वे दोनों 19-20 साल के ही रहे होंगे।
पहला दिन का एग्जाम हो गया और उसी शाम तक उन दोनों लड़कों से मेरी दोस्ती हो गई। दोनों लड़कों ने कोई सैटिंग की हुई थी, जिसके कारण उनको एग्जाम में आने वाले प्रश्न उत्तर पहले ही मिल जाते थे। वो सब अपने एग्जाम सही करके आते थे।
दूसरा दिन भी निकल गया। शाम को उन दोनों में से एक ने बताया कि मैं आपको प्रश्न और उत्तर दे दूंगा।
ये सुन कर मेरी उन लोगों से और भी अच्छी दोस्ती हो गई। वो मुझे भैया बुलाते थे और पिंकी को नाम से बुलाते थे।
अंतरा उन सबमें छोटी थी और अब उन दोनों लड़कों के साथ घुल मिल गई थी। शाम को दोनों बैठ कर पिंकी के साथ पढ़ते थे।
आखिरी एग्जाम से एक दिन पहले की बात है. उस दिन सोमवार था, छुट्टी थी। सब लोग घर पर ही थे। वे दोनों मेरे रूम में आकर पिंकी के साथ पढ़ाई करने लगे।
उन लोगों को पढ़ता देख कर मैं पिंकी को बोल कर निकल गया कि मैं बाहर जा रहा हूँ। बस 2 से 3 घंटे में आ जाऊंगा। तुम पढ़ाई करके आराम कर लेना।
यह कह कर मैं चला गया। लेकिन मेरा मन बाहर नहीं लगा और मैं कमरे के लिए वापस निकल आया।
जब मैं कमरे पर वापस आया, तो घर का दरवाजा बाहर से बंद था। मैं अन्दर गया, तो पिंकी नहीं थी। मैंने सोचा बाथरूम गई होगी या पढ़ने गई होगी।
मैं आराम करने लगा. जब 40-45 मिनट हो गए, पिंकी नहीं आई तो मैं समझ गया कि उन लड़कों के साथ पढ़ाई कर रही होगी। मैं उठकर पिंकी को देखने चला गया।
जब मैं लड़कों के पास गया, तो दरवाजा अन्दर से बंद था, मुझे शक हुआ और मैं अन्दर झांकने की कोशिश करने लगा। पर मुझे कोई उपाय नजर नहीं आ रहा था।
तब मुझे याद आया कि बाथरूम से उनका रूम नजर आता है। मैं सीधा बाथरूम में घुस गया और बाथरूम के एक छेद से अन्दर देखने लगा। उस छेद से सब कुछ साफ नजर आ रहा था क्योंकि बाथरूम का वो छेद थोड़ा बड़ा था।
जब मैंने अन्दर देखा तो सामने बेड था। बेड पर एक लड़का पूरी तरह नंगा बैठा था और अपना लंड सहला रहा था, पर पिंकी कहीं नजर नहीं आ रही थी।
मैं मोबाइल से उनकी रिकॉर्डिंग करने लगा। तभी मेरी नजर लड़के पर पड़ी, जो एक तरफ देखे जा रहा था। मैंने भी उसी तरफ देखा, तो मैं दंग रह गया।
मेरी अपनी सगी बहन पिंकी पूरी नंगी थी और टेबल पर अपनी बुर चुदाई करवा रही थी। जो लड़का अंतरा को चोद रहा था, उसका नाम चमन था। वो पिंकी की चूची को अपने मुँह में रख कर एक बच्चे की तरह चूस रहा था। वो एक चूचे को चूस रहा था और एक हाथ से उसके दूसरे चूचे को दबाने में लगा था। उसने पिंकी का एक दूध अपने मुँह में पूरा भर लिया था और जबरदस्त तरीके से चुसाई करने में लगा था।
तभी मैंने देखा कि वो अपने दूसरे हाथ को पिंकी की चूत पर ले गया और अपनी उंगली उसकी बुर में घुसा दी. उस लड़के की उंगली गीली हो गई। उसने अपनी उंगली को निकाल कर देखा कि मेरी बहन खुद ही चुदाई को उतावली हो रही थी।
फिर मैंने देखा कि पिंकी ने अपनी आंखें बंद की हुई थीं। चमन ने पिंकी की बुर के दाने को मसलना चालू कर दिया। पिंकी के मुँह से मस्त सिसकारियां निकलने लगीं।
लड़के ने उसे उल्टी तरफ घुमा कर उसे घुटनों के बल पर कर दिया, वो पिंकी को डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था। उसने अपने तने हुए लंड को अंतरा की चुत के दरवाजे पर रख कर सुपारे से उसकी बुर के दाने को रगड़ने लगा।
पिंकी के मुँह से जोरदार सिसकरियां निकल रही थीं. तभी चमन ने अपने मूसल जैसे लंड को हल्का सा धक्का दिया, तो उसके लंड का सुपारा भीतर चला गया।
पिंकी के मुँह से ज़ोर से मतवाली सिसकारी छूटी उम्म्ह … अहह … हय … ओह … और उसने अपने चूतड़ों को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. चमन का लंड धीरे धीरे पिंकी की बुर में एकदम भीतर घुस गया।
मुझे अपनी बहन की चुदाई और उसके मजे लेने पर बहुत गुस्सा आ रहा था। पिंकी के मुँह से दर्द और काम से मिश्रित कराह निकल रही थी। थोड़ी ही देर बाद वो खुद अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने लगी।
दूसरा लड़का भी चुप नहीं बैठा था, वो भी मैदान में कूदने को तैयार था। उस ने लंड को पिंकी के मुँह के पास जाकर उससे लंड को मुँह में लेकर चूसने को कहा। पिंकी फट से उसके लंड को मुँह में ले कर चूसने लगी। उधर चमन फकफ़ाक धक्के लगाते हुए झड़ने को हो रहा था। उसके लंड के गोटे सीधे पिंकी के चूतड़ों पर जा कर ढोलक की तरह ठाप लगा रहे थे।
मेरी बहन के मुँह से जोरदार सीत्कार निकल रही थी, जैसे उस की लंड से चुदाई में मस्त सीटियां बज रही हों। चमन अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर ज़ोर से धकेलता था, जिससे पिंकी की चीख निकल जाती थी।
इधर अपनी सगी बहन की चुदाई देख कर मेरा मन कर रहा था कि मैं भी अभी पिंकी को चोद दूँ। आगे पिंकी के मुँह में एक लंड से पूरा भरा हुआ था।
तभी चमन ने आगे हाथ बढ़ा कर पिंकी के मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा। एकाएक चमन के धक्कों की रफ्तार बहुत तेज हो गई और उसने पिंकी की चुत में ज़ोर से अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी।
पिंकी की आंखें मस्ती से मुंद गई थीं। चमन ने पिंकी चुत को चाट कर साफ कर दिया।
गोलू ने अपने लंड को पिंकी की चूत के दरवाजे पर रखा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया। उसका लंड पूरा का पूरा पिंकी की चुत की जड़ में समा गया।
पिंकी ज़ोर ज़ोर से आनन्द से सिसकरियां भर रही थी।
अब उस लड़के का सुनो, जिसका लंड पिंकी चूस रही थी, उसके मुँह से एकाएक आह की आवाज निकली और उसने अपना गाढ़ा सफेद वीर्य पिंकी के मुँह में छोड़ दिया। पिंकी लंड से निकले वीर्य को स्वाद लेकर पीने लगी। फिर भी कुछ माल उसके मुँह से बाहर आकर उसके गालों पर बहने लगा।
मुझे समझ आ गया कि मेरी बहन पक्की चुदक्कड़ है।
उस लंड चुसाने वाले लड़के के हटते ही दूसरा लड़का चमन वो आ गया। उसने गोलू की जगह ले ली और पिंकी उसके लंड को चूसने लगी।
कुछ देर बाद वो भी झड़ गया और पिंकी की चूत पूरी वीर्य की झील हो गई।
फिर गोलू चोदने लगा और मेरी बहन चुदाई के आनन्द के मारे पागल हो गई और अजीब अजीब सी आवाजें उसके मुँह से निकलने लगी थीं।
गोलू ने पिंकी को चोदने में पूरा 30 मिनट का टाइम लिया। फिर वो भी आख़िर ‘आह आह..’ करते हुए उसके ऊपर ढेर हो गया। उसने अपने लंड का ढेर सारा गाड़ा वीर्य एक पिचकारी के रूप में पिंकी की चुत में छोड़ दिया।
पिंकी इस दौरान कई बार अपना पानी निकाल चुकी थी। उसे दोनों लंड और चूस करके साफ़ करना पड़ा। दोनों लड़कों ने भी पिंकी की चुत को चाट कर साफ कर दिया। इसी बीच पिंकी फिर से गर्म होकर झड़ भी गई।
मैंने ये सब अपने फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया था। जब मेरी बहन की चुदाई पूरी हो गई, तो मैं वहां से निकल गया। 2 घंटे बाद जब मैं वापस आया, तो पिंकी अपने रूम में बैठ कर पढ़ रही थी. मैंने पिंकी को कुछ नहीं बोला।
रात को मैंने उसे वीडियो दिखा दिया, वो एकदम से डर गई. वो बोली- भैया माफ कर दो.. अब ऐसा नहीं होगा।
मैं- एक शर्त पर माफ कर दूंगा.. तुम्हें मुझसे चुदना होगा।
वो शर्मा गई। मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया।
वो बोली- मैं तो आपसे न जाने कबसे चुदने के लिए मरी जा रही थी।
मैंने पूछा- क्यों ?
वो बोली- मैंने आपका लंड देखा है, ये बहुत बड़ा है।
मैंने कहा- तो फिर कभी बोला क्यों नहीं ?
वो बोली- मैं शर्म रही थी कि कहीं आप नाराज न हो जाओ।
मैंने कहा- मेरी प्यारी बहन की चुदाई कब से चल रही है ?
वो बोली- आज दूसरी बार किया है।
मैंने पूछा- पहली बार किसके साथ किया था।
वो बोली- अब इस सवाल का जबाव बहुत लम्बा है, आपको बाद में सब बता दूंगी।
उसने अपनी सील टूटने का किस्सा मुझे बाद में बताने का वायदा किया। मैं अपनी बहन की सील टूटने की चुदाई की कहानी को आप तक जरूर भेजूँगा।
मेरी बहन की चुदाई की मैंने
उसने कहा- अब देर न करो भैया। मुझे बड़ी जोर से मस्ती चढ़ रही है।मैंने पिंकी की चूत को सहलाया और अपनी बहन को नंगी करके चित लिटा दिया। फिर मैंने अपना लौड़ा निकाल कर पिंकी की चूत में घुसाने की कोशिश की।
लेकिन मेरा लंड उन दोनों लौंडों से कम से कम दो इंच लम्बा था और मोटा भी बहुत ज्यादा था। इसलिए मेरा थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया था। पिंकी को उससे दर्द तो हुआ, लेकिन वो चूंकि दिन में चुद चुकी थी, इसलिए उसने ज्यादा चिल्लपों नहीं की। मगर मुझे उसकी कसी हुई चूत में लंड पेलने से दर्द होने लगा था।
तब भी मैं किसी तरह से पिंकी की चूत में लौड़ा घुसाने लगा और कामयाब भी हो गया। पिंकी ने भी लंड लेने में मेरी मदद की। उसको खुद ही मेरा लंड लेने में मजा आ रहा था। मैंने अपनी बहन की चूचियां दबाईं और उसके होंठ भी चूसे।
उसके बाद मैं पूरा लंड पेल कर अपनी बहन पिंकी की झटके देते हुए चुदाई करने लगा। पिंकी की चूत अभी भी काफी टाइट थी। बाद में मैंने पिंकी की चूत में अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया था। मैं अपना लंड पिंकी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा। वो भी मुझसे चुदने का खूब मजा ले रही थी।
मैं पिंकी की चूचियां दबाने लगा, वो भी मुझे चूमने लगी। फिर मैं अपना सुपारा पिंकी की चूत तक बाहर निकाल कर जोर जोर से उसको पेलने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था।
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल कर पिंकी को चूसने को बोला। पिंकी ने एक पल भी देर ना करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी। पिंकी द्वारा लंड चुसाई करने से मेरा लंड और सख्त हो गया। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने वाला था। मैंने बिना पिंकी को बताए ही उसके मुँह में ही रस को निकाल दिया। पिंकी भी उसको जूस की तरह पी गई।
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फिर हम दोनों आपस में चिपक गए और किस करने लगे। कुछ देर के लिए हम ऐसे ही चिपक कर लेटे रहे और एक-दूसरे की जुबान को चूसते रहे।
अब पिंकी ने कहा- अब और मत तड़पाओ.. बस मेरी पूरी आग बुझा दो।
मैंने अपना लंड पिंकी की चूत पर रखा और जोर से धक्का लगा दिया.. मेरा लंड पिंकी की चूत में पूरा अन्दर तक चला गया।
पिंकी जोर से चिल्ला उठी- आऊ.. उम्म्ह … अहह … हय … ओह … ओक्ककह.. मर गई.. रे फट गई आह्ह.. चूऊत.. आह्ह।
मैंने पिंकी को बहुत जोर से जकड़ लिया और उसके मम्मों को चूसने लगा। पिंकी जब चुप सी हुई.. तो मैं अपना लंड चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
पिंकी और जोर से चिल्लाने लगी, मैंने उसकी आवाज को अनसुना करके अपनी स्पीड बढ़ा दी और पिंकी के होंठों को किस करने लगा। होंठों को दबाने से पिंकी की आवाज आनी भी कुछ कम हो गई।
उस दिन मैं पिंकी को बीस मिनट तक चोदता रहा. इस दौरान पिंकी दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने अपना सारा रस पिंकी की चूत में ही छोड़ दिया.
मेरी बहन को अपने भाई के साथ चुदाई में बहुत मजा आया। हम दोनों थक कर चूर हो गए थे और लेटे हुए थे। हमारे इस सेक्स प्रोग्राम में हमें टाइम का पता ही नहीं चला।
मुझे पिंकी को और चोदने का मन था, पर इस वक्त हमारी बहन की चुदाई बीच में ही छूट गयी पर यह भी ज्यादा देर तक नहीं छूटा।
दूसरी बार में पिंकी बिना कपड़ों के थी क्योंकि हमें अब किसी का डर नहीं था। मैं भी अपने कपड़े खोल कर पिंकी की चुदाई के लिए रेडी था। पिंकी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और हम दोनों ने सेक्स का पूरा मजा लिया।
उस रात को हमने पूरी रात में तीन बार बहन की चुदाई का मजा लिया। फिर पिंकी ने अपने कपड़े पहन लिए।
आज पिंकी तो इतनी ज्यादा खुश थी कि वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी। ऐसे ही हमारा यह चूत चुदाई का सिलसिला 5 दिनों तक चलता रहा।
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